Agra News: क्या आपकी गाड़ी का नंबर AY सीरिज का तो नहीं? जल्द लगने जा रही है शहर में इन पर रोक
Agra News एक माह तक अन्य जिलों में पंजीकृत कराए जाने के लिए ले सकेंगे एनओसी। ताज ट्रिपेजियम जोन में 15 साल पुराने निजी वाहनों के संचालन पर है प्रतिबंध। यूपी 80 एएस एटी एयू एवी एडब्ल्यू एएक्स सीरीज के वाहनों का पंजीकरण पहले ही निरस्त।
आगरा, जागरण संवाददाता। 30 अक्टूबर वर्ष 2007 से पूर्व आरटीओ कार्यालय में पंजीकृत या 15 साल की आयु पूर्ण कर चुके निजी वाहन अब जनपद की सड़कों पर नजर नहीं आएंगे। एवाई सीरीज के ऐसे सभी वाहनों का आरटीओ कार्यालय से पंजीकरण निलंबित किया जाएगा। ऐसे वाहनों को एनओसी लेने का एक माह का मौका दिया गया। अभी तक यूपी 80 एएस, एटी, एयू, एवी, एडब्ल्यू, एएक्स सीरीज के वाहनों का पंजीकरण पहले ही निरस्त किया जा चुका है। अब यूपी 80 एवाई सीरीज के निजी वाहनों का वाहन सर्वर के रिकार्ड से हटा दिया जाएगा। एक माह की समयावधि में अगर कोई अपने वाहन काे ट्रांसफर कराना चाहता है तो, इसके लिए आरटीओ कार्यालय से एनओसी प्राप्त कर सकता है, या फिर सरेंडर करा सकता है।
15 साल पुराने वाहनों पर है रोक
ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) में 15 साल पुराने निजी वाहन चलाए जाने पर प्रतिबंध है। इस श्रेणी में 30 अक्टूबर 2007 से पहले और एवाई सीरीज के पंजीकृत हुए वाहनों के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। उन्हें एक माह का मौका दिया गया है। वे यहां से एनओसी लेकर किसी गैर टीटीजेड जनपद में पंजीकृत करा सकते हैं। अन्यथा की स्थिति में एक माह के बाद आरटीओ कार्यालय से ऐसे वाहनों का वाहन सर्वर के रिकार्ड से सारा रिकार्ड निलंबित कर दिया जाएगा। इसके बाद कुछ नहीं हो सकेगा। इसलिए ये मौका है। गैर टीटीजेड जनपद में जाकर एेसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
पकड़े गए तो कर लिया जाता है वाहन जब्त
जिन वाहनों की सीरीज यूपी 80 एवाई है, वे अब शहर में बिल्कुल नहीं चल सकेंगे। अगर चलते हुए पकड़े गए तो किसी के लायक नहीं बचेंगे। उन्हें सीज कर दिया जाएगा। जिन्हें छुडाया नहीं जा सकेगा। इसके साथ ही भारी भरकम जुर्माना भी अदा करना पड़ेगा।
15 साल पुराने और एवाई सीरीज के निजी वाहनों का कार्यालय से पंजीकरण निरस्त किया जाएगा। ऐसे वाहनों को एक माह का मौका है। वे इन वाहनों से संबंधित कार्यालय से एनओसी प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद कार्यालय से इनसे संबंधित रिकार्ड निरस्त कर दिया जाएगा।
अनिल कुमार सिंह
एआरटीओ, प्रशासन